


मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की नौगांव तहसील क्षेत्र में एक बार फिर समलैंगिक विवाह की घटना ने सामाजिक परंपराओं को चुनौती दी है। दो युवतियों ने गांव के मंदिर के पास तालाब किनारे विवाह रचा लिया, जिसकी जानकारी उनके परिजनों को भी नहीं थी। यह क्षेत्र में दूसरी ऐसी घटना है, जिसने समाज को दो खेमों में बांट दिया है।
यह है पूरा मामला
मामला नौगांव तहसील के ग्राम मऊसहानियां गांव का है, जहां की दो युवतियों ने सामाजिक विरोध की परवाह किए बिना समलैंगिक विवाह कर पूरे इलाके को हैरान कर दिया। 21 वर्षीय क्रांति श्रीवास पिता श्याम श्रीवास और 24 वर्षीय गायत्री रैकवार पुत्री कनछेदी लाल रैकवार, दोनों निवासी मऊसहानियां ने गांव के बिहारी जी मंदिर के पास तालाब किनारे विवाह रचाया। क्रांति ने 17 जून को शपथ-पत्र दाखिल कर स्पष्ट किया कि वह बालिग, शिक्षित और मानसिक रूप से पूर्ण सक्षम है, और उसने यह विवाह अपनी मर्जी से किया है। उसने यह भी कहा कि इस रिश्ते की जानकारी उसने अपने परिवार के किसी सदस्य को नहीं दी और अब वह परिवार से कोई संबंध नहीं रखती। साथ ही, यदि कोई विवाद या शिकायत होती है, तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं उसकी होगी।
यह क्षेत्र में दूसरी ऐसी घटना है, इससे पहले दौरिया क्षेत्र में भी एक समलैंगिक विवाह हुआ था, जिसमें एक युवती बाहरी थी। इस बार दोनों युवतियां एक ही गांव की होने के कारण मामला और संवेदनशील हो गया है। इस घटना ने ग्रामीण समुदाय को झकझोर दिया है, लेकिन प्रशासन, पुलिस, नौगांव एसडीएम और महिला आयोग की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। समाज में इस विवाह को लेकर राय बंटी हुई है, जहां कुछ लोग इसे व्यक्तिगत अधिकार मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे सामाजिक विद्रोह करार दे रहे हैं।